NOTE: Course Fee of above 80000 will be paid
in two parts and after 2nd success transaction final print of registration
form will be printed.
Sl.No. |
Course |
Semester |
Registration Status |
1 |
B.Tech. , BBA & B.Pharma. |
IIIrd |
Closed |
2 |
B.Tech. , BBA & B.Pharma. |
Vth |
Closed |
3 |
B.Tech. |
VIIth |
Closed |
4 |
M.Tech. |
IIIrd |
Closed |
5 |
M.Sc. |
IIIrd |
Closed |
6 |
MBA & MCA |
IIIrd |
Closed |
7 |
Ph.D. |
IIIrd, Vth, VIIth, IXth, XIth, XVth |
Closed |
8 |
B.Tech. , BBA & B.Pharma. |
Ist and (lateral Entry i.e. IIIrd) |
Closed |
9 |
M.Tech., MBA, MCA, M.Sc. |
Ist |
Closed |
Instructions / निर्देश (Family ID Reverse Seeding)
- जिन अभ्यर्थियों का फैमिली आई0डी0 बनी नहीं है उनको परिवार रजिस्ट्रेशन हेतु इस लिंक https://familyid.up.gov.in/portal/registration.aspx पर जा कर रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है।
- परिवार रजिस्ट्रेशन हेतु परिवार के सभी सदस्यों का आधार कार्ड होना अनिवार्य है।
- परिवार रजिस्ट्रेशन हेतु सभी सदस्यों का मोबाइल ओ0टी0पी0 के माध्यम से e-KYC किया जाना अनिवार्य है, जिसके लिये सभी सदस्यों का मोबाइल नंबर आधार कार्ड से लिंक होना चाहिये।
- ऐसे परिवार जिनके पास राशन कार्ड उपलब्ध है, उनकी राशन कार्ड संख्या ही फैमिली आई0डी0 होगी तथा उनको फैमिली आई0डी0 बनवाने की आवश्यकता नहीं है।
उनके द्वारा रजिस्ट्रेशन के उपरान्त आधार संख्या डालकर फैमिली आई0डी0 डाउनलोड/प्रिन्ट की जा सकती है।
- ऐसे व्यक्ति जो पहले से ही किसी परिवार में जुड़े हुये हैं, उन्हें किसी अन्य परिवार में नहीं जोड़ा जा सकता है।
- रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में समस्त आवश्यक जानकारी पूर्णत: सही भरें, जिससे कि सत्यापन आसानी से किया जा सके।
- फैमिली आई0डी0 की अद्यतन स्थिति को 15 अंकों के एप्लीकेशन नंबर को Track Application Status में डालकर देखा जा सकता है।
महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के बारे में
महामना मदन मोहन मालवीय के अथक प्रयास से ४ फरवरी १९१६ ई० को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय
लोकार्पित हो गया। भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार हेतु स्थापित यह विश्वविद्यालय
पूरे देश में भारतीय संस्कृति पर आधारित शिक्षा पद्धति का एक नया मानक बना और इसी धारा
को तत्कालीन गोरक्षपीठाधीश्वर महन्त दिग्विजयनाथ जी महाराज ने आगे बढ़ाते हुए १९३२ ई०
में गोरखपुर में
महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद् की नींव रखी। ब्रिटिश हुकूमत को शिक्षा के भी क्षेत्र
में भारतीय मनीषियों द्वारा यह कडी चुनौती थी कि भारत अपने पैरों पर खडा होने में समर्थ
है, वह अपना तंत्र, अपनी शिक्षा, अपनी संस्कृति और अपने जीवन मूल्यों की पुनः स्थापना
अपनी योजनानुसार करेगा। यह दूरदृष्टि थी कि देश जब आजाद होगा तब तक देश की व्यवस्था
चलाने हेतु भारतीय पद्धति के शिक्षा संस्थानों से निकले युवाओं की फौज तैयार मिलेगी।
देश पराधीन था। जनता विपन्न थी। ज्ञान कौशल के अभाव में स्वाभिमान और राष्ट्रीय पुनर्निर्माण
की चेतना का जागरण दुष्कर था। महन्त दिग्विजयनाथ जी महाराज अपनी संकल्प शक्ति के बल
पर आजादी की लड़ाई के एक प्रमुख शस्त्र के रूप में शैक्षिक क्रान्ति के पथ पर भी आगे
बढे । महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद् के अन्तर्गत १९३२ में बक्शीपुर में किराये के
एक मकान में महाराणा प्रताप क्षत्रिय स्कूल प्रारम्भ हुआ। १९३५ में इसे जूनियर हाईस्कूल
की मान्यता मिल गयी और १९३६ में यहाँ हाईस्कूल की पढाई प्रारम्भ की गयी तथा इसका नाम
'महाराणा प्रताप हाई स्कूल' हो गया। इसी बीच महन्त दिग्विजयनाथ जी महाराज के प्रयास
से गोरखपुर के सिविल लाइन्स में पाँच एकड भूमि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद को प्राप्त
हो गयी और महाराणा प्रताप हाईस्कूल का केन्द्र सिविल लाइन्स हो गया तथा देश के आजाद
होते समय यह विद्यालय महाराणा प्रताप इन्टरमीडिएट कालेज के रुप में प्रतिष्ठित हुआ।